Karmma Calling Review: अमीरों की चमचमाती दुनिया में फरेब और विश्वासघात की कहानी, देना होगा कर्मों का हिसाब.. – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Karmma Calling Evaluation: भारतीय संस्कृति में कर्म को बहुत महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि इंसान को कर्मों का फल इसी जीवन में भुगतना पड़ता है। अच्छे कर्म अच्छा फल देते हैं और बुरे कर्म बुरा।
कर्मा तलवार भी इस फिलॉस्फी को मानती है और खुद इसे सच बनाने का साधन बन जाती है। जिन लोगों ने उसके परिवार के साथ बुरा किया था, वो उन्हें बर्बाद करने निकल पड़ती है।
कर्मा तलवार डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज कर्मा कॉलिंग की नायिका है। यह सीरीज अमेरिकन थ्रिलर शो रिवेंज का भारतीय रूपांतरण है। रुचि नारायण ने सीरीज को भारतीय परिप्रेक्ष्य में रूपांतरित करने के साथ निर्देशन भी किया है।
क्या है कर्मा कॉलिंग की कहानी?
कर्मा कॉलिंग के केंद्र में कर्मा तलवार उर्फ अम्बिका मेहरा (नम्रता शेठ) है। कर्मा जब आठ साल की थी, उसके ईमानदार पिता सत्यजीत मेहरा (रोहित रॉय) को अलीबाग की अल्ट्रा रिच कोठारी फैमिली 3000 करोड़ के एक बैंक घोटाले में फंसा देती है। सत्यजीत को जेल हो जाती है और सब मिलकर ऐसी साजिश रचते हैं कि अदालत में वो दोषी साबित हो जाता है। सजा काटने के दौरान जेल में ही सत्यजीत की मौत हो जाती है।
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अम्बिका को अनाथालय भेज दिया जाता है, जहां उसके दिमाग में यह डाला जाता है कि उसका पिता हैवान है, जिसने हजारों लोगों की जिंदगी तबाह की है।
सच्चाई से सामना होने तक अम्बिका भी यही समझती है। अम्बिका कैसे ताकतवर और अमीर कोठारी फैमिली से बदला लेने की योजना बनाती है? कैसे वो हर एक शख्स को उसके पेशे के हिसाब से साजिश करके बर्बाद करती है? किस तरह इंद्राणी कोठारी (रवीना टंडन) के एलीट सर्किल में एंट्री बनाती है?
कैसा है कर्मा कॉलिंग का स्क्रीनप्ले?
रुचि नारायण ने इस कहानी को सात एपिसोड्स में बांटा है। हर एपिसोड की अवधि औसतन 40 मिनट है। मूल सीरीज रिवेंज की कहानी माइक केली और जो फैजियो ने लिखी है, जिसे रुचि ने अडेप्ट किया है। सीरीज के संवाद पूर्वा नरेश ने लिखे हैं। अच्छी बात यह है कि जब नायिका कर्मा अपने वॉइसओवर में कर्मों के हिसाब-किताब की बात करती है तो कर्म को ‘कर्मा’ नहीं बोलती।
कर्मा कॉलिंग में रिवेंज स्टोरी के साथ लव ट्रायंगल भी है। एलीट क्लास के दिखावटी मुस्कुराते चेहरों और चमचमाती ड्रेसेज के पीछे का खालीपन और अंधेरा है।
शादी की 25वीं सालगिरह मना रहे रिश्ते के पीछे धोखाधड़ी है। चैरिटी पार्टियों और ढकोसलों के जरिए अपना रसूख और दबदबा कायम रखने की बेशर्म चाहत है। फायदे के लिए जमीर को ताक पर रखकर होने वाले समझौते हैं।
रुचि नारायण ने अडेप्टेशन में इस बात का ध्यान रखा है कि इसे इंडियन सोशल सेंसिबिलिटीज दी सकें। इसके लिए मुंबई के नजदीक अलीबाग को कथाभूमि चुना है, जहां के एलीट क्लास की रानी इंद्राणी कोठारी है। सीरीज मुख्य रूप से इंद्राणी की लाइफस्टाइल और अम्बिका यानी कर्मा की साजिशों के इर्द-गिर्द ही रहती है।
सीरीज वर्तमान के साथ फ्लैशबैक में भी चलती है, जिससे कर्मा के अतीत की वो घटनाएं सामने आती हैं, जिनके कारण वो बदला लेने आई है। अम्बिका के पिता सत्यजीत मेहरा और इंद्राणी कोठारी के संबंधों का राज भी अतीत में है।
सीरीज की शुरुआत इंद्राणी के बेटे अहान (वरुण सूद) और कर्मा की शादी के दृश्यों से होती है और पहला ट्विस्ट तब आता है, जब शादी की रस्म पूरी होने से पहले अहान का बीच पर कत्ल हो जाता है। इसके बाद सीरीज अतीत में जाती है और उस दिन से कहानी शुरू होती है, जब अम्बिका यानी कर्मा अलीबाग में कोठारी मेंशन के पड़ोस में रहने आती है बिल्कुल नई पहचान के साथ। इसके लिए उसने बारीकी से तैयारी की है।
सीरीज शुरू होने के साथ ही कर्मा के इरादे पता चल जाते हैं, मगर जिस तरह वो एक-एक करके अपने दुश्मनों को उन्हीं के जाल में फंसाकर बर्बाद करती है, ये प्लॉट दिलचस्प हैं।
वेल्थ मैनेजमेंट कम्पनी के मालिक निखिल सेठिया (मोहन कपूर) को स्टॉक मार्केट में घाटा करवाकर, राज्यसभा सांसद मुजम्मिल सईद (शतफ फिगार) को यौन स्कैंडल और आध्यात्मिक गुरु हीलर दया मां (अल्पना बूच) को वीडियो लीक में फंसाकर तबाह करती है।
इंद्राणी की दोस्त और कौशल की माशूका डॉली भाटिया (वलूशा डिसूजा) भी कर्मा के निशाने पर है। ये सभी किसी ना किसी रूप में अम्बिका-सत्यजीत की बर्बादी के लिए जिम्मेदार थे।
आखिरी एपिसोड में कर्मा के अतीत का वो सच सामने आता है, जिसका असर उसके रिवेंज मिशन पर पड़ने वाला है। इंद्राणी कोठारी का पूर्व सिक्योरिटी ऑफिसर समीर (विक्रमजीत विर्क) उसके अतीत को खोज निकालता है। इससे अंदाजा लगता है कि दूसरा सीजन काफी दिलचस्प होने वाला है।
सीमित लोकेशंस होने की वजह से कर्मा कॉलिंग बिल्कुल सोप ओपेरा स्टाइल की सीरीज है, जिसे देखते हुए टीवी के फैमिली ड्रामाज की याद आती है। हालांकि, इसकी रफ्तार तेज है, जिसकी वजह से बोर करने वाले पल कम आते हैं और सीरीज मनोरंजक लगती है।
कहीं ठहराव आता भी है तो अगले दृश्य का ट्विस्ट उसकी भरपाई कर देता है। करवा चौथ पार्टी का वो दृश्य, जिसमें इंद्राणी पति कौशल के साथ चांद देखने हेलीकॉप्टर से आसमान में जाती है, दिलचस्प लगता है, मगर यहां एक बड़ा ट्विस्ट भी आता है।
कैसा है कलाकारों का अभिनय?
रवीना टंडन ने नेटफ्लिक्स की सीरीज अरण्यक से ओटीटी डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारी का रोल निभाया था। कर्मा कॉलिंग में रवीना का किरदार इंद्राणी 90 के दशक की टॉप हीरोइन का है, जो एक बड़े बिजनेसमैन कौशल कोठारी से शादी करती है।
रवीना के लिए यह किरदार निभाना मुश्किल नहीं रहा होगा। अपने अतीत के गर्व में डूबी रईस औरत होने के साथ वो एक मां और पत्नी भी है, जिसके लिए अपने स्टेटस और बच्चों की ख्वाहिशों के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल हो रहा है। रवीना इन भावों को लाने में सफल रही हैं।
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अम्बिका उर्फ कर्मा के किरदार में नम्रता शेठ की अदाकारी सधी हुई और संतुलित है। उन्होंने किरदार को लाउड नहीं होने दिया है, जिसकी यहां पूरी सम्भावना थी। कर्मा के प्रेमी और रईस खानदान के वारिस के किरदार में वरुण सूद ठीक लगते हैं।
सत्यजीत के किरदार में रोहित रॉय फ्लैश बैक में ही आते हैं, जब कर्मा खतों के जरिए पिता के साथ हुई ज्यादती को याद करती है। सेपिया कलर टोन में दिखाये गये ये दृश्य इमोशनल करते हैं।
कर्मा के रिवेंज प्लान का अहम हिस्सा टेक कम्पनी के मालिक जेन खान के रोल में विराफ पटेल कुछ कॉमिक रिलीफ देते हैं। कुछ और जरूरी किरदार हैं, जिन्हें विक्रमजीत विर्क, एमी एला, देवांगशी सेन ने निभाये हैं। कर्मा कॉलिंग ऐसी सीरीज नहीं है, जिसे गेम चेंजर कहा जाए, मगर अपने प्लॉट ट्विस्ट्स और टर्न्स के लिए देखी जा सकती है।
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