Lantrani Review: जी5 की प्रयोगशाला से निकली एक और थकी हुई सी फिल्मावली, जॉनी और जिशु की मेहनत पर फिरा पानी – अमर उजाला
लंतरानी रिव्यू
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Film Assessment
लंतरानी वॉल्यूम वन
कलाकार
जॉनी लीवर
,
जिशु सेन गुप्ता
,
जितेंद्र कुमार
,
निमिषा सजायन
,
बोलोराम दास
और
प्रीति हंसराज शर्मा
लेखक
दुर्गेश सिंह
निर्देशक
कौशिक गांगुली
,
भास्कर हजारिका
और
गुरविंदर सिंह
निर्माता
प्रणय गर्ग
और
पीयूष दिनेश गुप्ता
रिलीज
9 फरवरी 2024
रेटिंग
लंतरानी समझते हैं आप? समझने के लिए ये समझ सकते हैं कि इसे समझना आसान नहीं हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिनका हिंदी की बोलियों के शब्दों से ज्यादा पाला नहीं पड़ा है। पत्रकार से लेखक बने दुर्गेश सिंह हिंदी सिनेमा में बोलियों, मुहावरों और देशज शब्दों की मिठास अपनी लिखावट के जरिये घोलने की कोशिश कर रहे हैं। जी5 की फिल्मावली ‘लंतरानी’ में भी वह इस पर अपना हाथ साफ करते दिखे हैं। सीधे सपाट समझना हो तो लंतरानी का मतलब है शेखी बघारना। या ऐंवई कुछ भी बक बक करते रहना जिसका कोई ठोस अर्थ जीवन में होता नहीं है। फिल्मावली ‘लंतरानी’ ऐसी ही तीन कहानियों का संगम है। तीनों कहानियों का ऐसा कोई गुणसूत्र तो नहीं है जो इन्हें आपस में जोड़ सके, सिवाय इसके कि तीनों कहानियां छत्तीसगढ़ में फिल्माई गई हैं और उस दौर में फिल्माई गई दिखती हैं जब दुनिया कोरोना के डर के मारे घरों में दुबकी हुई है। छत्तीसगढ़ की छवि नक्सल प्रभावित राज्य की रही है, लेकिन इस राज्य में तमाम जगहें ऐसी हैं जो देश के पर्यटन मानचित्र पर नगीने की तरह चमक सकती हैं, बशर्ते राज्य सरकार इनके बारे में कोई ठोस प्रयास करे। ऐसी ही एक जगह है छत्तीसगढ़ की, अंबिकापुर। सूबे का हिल स्टेशन।
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